नगर परिषद में भी जरूरी नहीं उपायुक्त के आदेशों का पालन करना
हिमुडा की ओर से बनाए जा रहे रास्ते के चलते निकले मलबे से तबाही
रेडक्रास भवन की दीवारें दरकी, सेवा सदन भवन में रखा सामान बर्बाद
जीं हां। यहां हिमुडा के अफसर डीसी के ऑर्डर नहीं मानते। इतना ही नहीं यहां डीसी के ऑर्डर नगर परिषद के अधिकरियों के भी ठेंगे पर हैं। दरअसल पिछले साल जिला रेड क्रॉस भवन के पीछे हिमुडा की ओर से रास्ते का निर्माण किया गया। इस निर्माण के चलते निकले मलबे और पत्थरों को गेर कानूनी ढंग से जिला रेडक्रॉस भवन के पीछे डंप कर दिया गया। रास्ते के निर्माण के चलते रेडक्रॉस भवन के पीछे रखे गए मलबे से संभावित खतरे को देखते हुए डीसी ऑफिस मंडी ने 10 सितंबर 2009 को रास्ते का निर्माण करने वाली सरकारी एजेंसी हिमुडा और नगर परिषद मंडी के कार्यकारी अधिकारी को पत्र लिख कर इस मलबे को तुरंत हटाने के आइदेश दिए लेकिन न तो हिमुडा ने डीसी के आदेशों को पालन करना जरूरी समझा और न ही नगर परिषद की ओर से इस पर कोई एक्शन हुआ। इस पर 11 जनवरी 2010 को एक बार फिर से डी मंडी की ओर से हिमुडा और नगर परिषद को मलबा हटाने के लिए कड़ा पत्र लिख कर मलबे को हटाने के आदेश दिए। अपने पत्र में उपायुक्त की ओर से हिमुडा के अधिशाषी अभियंता को व्यक्तिगत तौर पर हस्तक्षेप करने को कहा गया। पर दोनों विभागों के कान पर जूं तक नहीं रेंगी। बरसात के मौसम के मध्येनजर एक बार फिर से डीसी ऑफिस मंडी की ओर से 7 जुलाई 2010 को एक बार फिर से हिमुडा और नगर परिषद को कड़ा पत्र लिखा और मलबे और पत्थर को हटाने के लिए कड़ा नोटिस जारी किया गया, लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात ही रहा।
जिसका डर था वही हुआ
जिस आशंका को लेकर डीसी ऑफिस मंडी की ओर से बार-बार हिमुडा और नगर परिषद को पत्र लिखे गए थे, आखिर वही हुआ। 11 अगस्त को हुई भारी बरसात के कारण जिला रेडक्रॉस भवन के पीछे रखा सारा मलबा और पत्थर रेडक्रॉस भवन के कमरों में घुस गया और सेवा सदन भवन में घुस गए। भारी भरकम मलबे के चलते भवन की दीवारें दरक गई हैं और कमरों में रखा सामान खराब हो गया। आलम यह है कि यह भवन कभी भी गिर सकता है। भवन के संवदनशील होने के कारण यहां गरीब तीमारदारों को मिलने वाली ठहरने की सस्ती सुविधा भी छिन गई है। शर्मनाक यह है कि 12 अगस्त को डीसी मंडी की ओर से एक इस बारे में हिमुडा और नगर परिषद मंडी को मलबा हटाने के लिए कड़ा लेटर लिखा, लेकिन हैरानी इस बात की है कि तीन सप्ताह बीत जाने के बाद भी मलबा हटाने को लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया है।
भाजपा नेत्री के लिए मेहरबानी
हिमुडा की ओर से बनाए गए इस रास्ते को लेकर कई सवाल उठे हें। आरोप है कि भाजपा की एक खासमखास नेत्री पर खास मेहरबानी के चलते नियमों को ताक पर रख कर यहां मोटर योग्य रास्ते का निर्माण कर यहां स्थित नाले का बहाव बदल डाला और रास्ते के निर्माण के दौरान निकले मलबे और पत्थरों को रेडक्रॉस भवन के पीछे रख दिया जो बड़े नुक्सान का कारण बना। भस्खन की दृष्टि से बिना प्लानिंग के हुए इस निर्माण से स्थिति और संवेदनशील हो गई है। गौरतलब है कि 18 साल पहले इस भवन के साथ लगते पुराने सीएमओ रेजिडेंस में उस वक्त के सीएमओ डॉक्टर बतरा के बेटे मलबे की चपेट में आकर काल का शिकार हो गए थे। इसके बाद बरसात के मौसम में इसी नाले के वेग में आकर दो परिवारों के सदस्य काल का ग्रास बन गए थे।
हिमुडा की ओर से करवाए गए निर्माण के कारण निकले मलबे के कारण भवन को भारी नुक्सान हुआ है। रेडकॉस के अध्यक्ष एवं डीसी मंडी की ओर से इस बारे में हिमुडा और नगर परिषद मंडी को नोटिस जारी किया गया है।
ओपी भाटिया, सचिव जिला रेडक्रॉस सोसायटी मंडी।
Friday, September 3, 2010
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