धर्मपुर में फ्लड जोन में बस अड्डे का निर्माण करने वाली हिमुडा का नया कारनामा
संबंधित मंत्री के अपने घर में अपने विभाग ने फिर किया सरकार को शर्मसार
दीवार को लेकर कॉलेज प्रबंधन और एसडीएम सरकाघाट पर भी उठी अंगुलियां
प्रदेश के शहरी विकास मंत्रालय के अधीन काम करने वाली सरकारी एजेंसी हिमुडा सरेआम प्रदेश सरकार के नियमों को ठेंगा दिखा रही है। हिमुडा की ओर से करवाए जा रहे एक के बाद एक काम को लेकर उठ रहे विवादों से प्रदेश सरकार की खूब किरकिरी हो रही है। ताजा विवाद यह है कि हिमुडा की ओर से अपने ही विभाग के मंत्री के गृह क्षेत्र में किए जाए निर्माण में निमयों की जम कर धज्जियां उड़ाई गई हैं। मंडी में बिना नक्शे से 15 करोड़ के बस अड्डे और धर्मपुर में फ्लड जोन में साढ़े तीन करोड़ के बस अड्डे के निर्माण को लेकर विवादों में घिरी सरकारी एजेंसी हिमुडा का एक नया कारनामा सामने आ गया है। अब सरकाघाट कॉलेज परिसर के चारों और लगाई जा रही बाउंडरी वाल को लेकर हिमुडा की कार्यप्रणाली पर सवाल उठे हैं। कॉलेज परिसर के चारों और 38 लाख की लागत से बाउंडरी वाल का निर्माण करवाया जा रहा है। हैरानी इस बात को लेकर है कि हिमुडा ने डिमार्केशन करवाए बिना ही यहां मनमर्जी से काम शुरू कर दिया। बताया जाता है कि कॉलेज की जमीन को गैर कानूनी ढंग से कब्जाए कुछ विशेष लोगों को लाभ देने के लिए हिमुडा ने कॉलेज की जमीन की निशानदेही करवाए बिना ही आनन फानन में निर्माण कार्य शुरू कर दिया। गैर कानूनी ढंग से शुरू हुए इस निर्माण को लेकर जहां एसडीएम सदर की कार्यप्रणाली पर अंगुलियां उठी हैं, वहीं स्थानीय काग्रेस के प्रिंसीपल की भूमिका भी संदेहास्पद है। बाउंडरी वाल का अस्सी प्रतिशत काम पूरा होने के बाद हिमुडा, शिक्षा विभाग और स्थानीय प्रशासन एक बार फिर से कटघरे में है। स्टेट आरटीआई ब्यूरो मंडी के संयोजक लवण ठाकुर की ओर से इस बारे में सूचना अधिकर कानून के तहत जब सूचना मांगी तो इस प्रकरण का पर्दाफाश हो गया। अब तीनों विभाग अपनी अपनी खाल बचाने के लिए बिना डिमार्केशन के बाउंडरी वाल लगाने के प्रकरण का दोष एक दूसरे के सिर मढ़ कर जवाबदेही से बच रहे हैं। सरकाघाट कालेज के प्रिसीपल आरसी शर्मा का कहना है कि हमने बाउंडरी वाल का काम शुरू करने से पहले डिमार्केशन लेने का एसडीएम ऑफिस को लिखा था। इस बारे चार बार पत्राचार और दो बार खुद मिलने के बावजूद एसडीएम ऑफिस ने निशानदेही नहीं करवाई। उधर इस बारे मेें दसरकाघाट स्थित हिमुडा के एसडीओ कुशाल शर्मा कहते हैं कि डिमार्केशन के लिए अप्लाई किया हुआ है और क्बांइड इंस्पेक्शन जिसमें कॉलेज प्रशासन भी शामिल था, के बाद ही बाउंडरी वाल का निर्माण कार्य शुरू करवाया। एसडीएम सरकाघाट विजय शर्मा इस मुद्दे पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं।
एसडीएम ऑफिस कानों पर जूं नहीं रेंगी
सरकाघाट कॉलेज परिसर में बिना डिमार्केशन के बाउंडरी वाल लगाने के मामले में एसडीएम सरकाघाट की लापरवाही साफ झलक रही है। निर्माण शुरू करने से पहले कॉलेज की जमीन की डिमार्केशन के लिए कॉलेज प्रिंसिपल की ओर से 20 फरवरी 2010, 5 मार्च 2010, 11जून 2010 व 24 अगस्त 2010 को पत्र लिखे गए लेकिन एसडीएम कार्यालय की ओर से इस सारे पत्रों को नजरअंदाज कर दिया गया। कॉलेज प्रशासन इस बारे में कई बार मंडल प्रशासन से मिला लेकिन एसडीएम ऑफिस सरकाघाट ने कॉलेज परिसर के नाम जमीन की डिमार्केशन करवाने में कोई रूचि नहीं दिखाई।
हिमुडा का दादागिरी फिर बरकरार
जमीन की डिमार्केशन होने पर ही हिमुडा ने यहां बाउंडरी वाल का काम शुरू करना था लेकिन जल्दबाजी देखिए कि बिना कागजी औपचारिताएं पूरी किए ही हिमुडा ने काम का आबंटन कर दिया। हालांकि इस बीच कॉलेज प्रिंसीपल की ओर डिर्मोशन के लिए हिमुडा के साथ पत्र व्यवहार होता रहा लेकिन दूसरी और काम चलता रहा और हिमुडा के अधिकारियों ने प्रिंसीपल के पत्रों को नजरअंदाज कर दिया। कॉलेज प्रिंसीपल ने 24 अगस्त2010 को एक बार इस बारे में हिमुडा के सरकाघाट स्थित एसडीओ को पत्र लिखा।
Tuesday, August 31, 2010
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