Sunday, August 22, 2010

सरकार मेहरबान तो पात्र की जगह अपात्र विराजमान

मेहरबानी

सरकार मेहरबान तो पात्र की जगह अपात्र विराजमान
नियमों को तोड़ कर दी गई करूणामूलक अधार पर प्रथम श्रेणी की सरकारी नौकरी
कांग्रेस के कार्याकाल में हुई नियुक्ति पर उठे सवाल, उच्च न्यायालय में जाने की तैयारी
सरकार के खास लोगों के लिए प्रदेश में व्यवस्थाएं भी खास होती हैं। उस मामले में नियमों को तोडऩे के कोई कोर कसर नहीं रखी जाती जिस मामले की पेरवी खुद मुख्यमंत्री कर रहे हों। चिट्टों पर नियुक्तियां देने को लेकर विवादों में घिर चुके तत्कालीन कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री कार्यालय का एक ओर कारनामा सामने आया है जहां करूणामलक आधार पर नौकरी की बंदरबांट में आश्रित को न केवल प्रथम श्रेणी के पद पर नियुक्त कर दिया, बल्कि पद के लिए न्यूनतम सारी योग्यताओं को भी दरकिनार कर दिया गया। इस नियुक्ति पर प्रदेश सरकार की मुहर लगाने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री की सिफारिश पर मामले को केबिनेट में पास करवा दिया गया। अब सूचना अधिकार कानून के तहत इस प्रकरण का खुलासा आरटीआई ब्यूरो के सदस्य रणजीत चौहान ने किया है। आरटीआई ब्यूरो मंडी इस नियुक्ति को प्रदेश उच्च न्यायालय में चुनौती देने जा रहा है। 9 फरवरी 2007 को जिला न्यायावादी सतर्कता शिमला के पद पर तैनात रविंद्र धोल्टा के निधन के बाद प्रदेश सरकार ने मृतक के पुत्र विकास धोल्टा को करूणामूलक आधार पर सहायक जिला न्यायावादी के पद पर नियुक्ति दे दी। आवेदक ने 5 मार्च 2009 को तत्कानील मुख्यमंत्री को करूणामलक आधार पर नौकरी के लिए आवेदन किया तथा मांग की कि उसने 8 माह पहले बीए एलएलबी पास की है तथा पिता की मृत्यु के बाद परिवार में वृद्व दादी, माता व छोटी बहन का भरण पोषण मुश्किल हो गया है। तत्कालीन मुख्यमंत्री के खासमखास रहे अधिकारी के पुत्र को एडजस्ट करने के लिए अभियोजन विभाग, गृह विभाग, वित्त विभाग तथा मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों ने दिन रात एक कर इस फाईल को 13 सितंबर 2007 को केबिनेट से पास करवा लिया। हालांकि इसी तरह के करूणामूलक आधार पर नौकरी के हजारों आवेदन प्रदेश सरकार के कई विभागों में दशकों से धूल फांक रहे हैं। उधर रसूखदारों के लिए पिछले दरवाजे से अपात्र होते हुए भी एंट्री की पूरी व्यवस्था है।

यहां मेहरबानी, वहां परेशानी
इसी से मिलते एक अन्य मामले में किन्नौर में तैनात जिला न्यायावादी अमर प्रकाश शर्मा के 31 अक्तूबर 2006 को निधनहोने पर जब उनकी पुत्री कुमारी रोहनी शर्मा ने करूणामूलक आधार पर सहायक जिला न्यायावादी पद के लिए आवेदन किया तो अभियोजन विभाग ने आवेदन यह कहते हुए ठुकरा दिया कि करूणामूलक आधार पर तृतीय या चतुर्थ श्रेणी पर ही नियुक्त किया जा सकता है।
आपत्तियां

१. करूणामूलक आधार पर प्रदेश सरकार में नौकरी केवल तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के पद पर दी जा सकती है लेकिन इस मामले मेें नौकरी प्रथम श्रेणी पद पर दी गई है।.
२. नौकरी देने के लिए 1990 में सरकार ने एक नीति निर्धारित की है जिसके आधार पर उसी आश्रित को नौकरी दी जा सकती है जिसके परिवार का कोई भी सदस्य सरकारी नौकरी पर न हो। इस मामले में आश्रित की माता पहले से सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग में वरिष्ठ सहायक के पद पर तैनात थी।
३. सहायक जिला न्यायवादी के पद पर नियुक्ति के लिए अधिवक्ता को वकालत का न्यूनतम दो साल का अनुभव होना अनिवार्य है। इस मामले में आश्रित को जब नियुक्ति दी गई तब तक वह दो साल वकालत की शर्त को पूरा नहीं करता था।
४. जिस आश्रित को नौकरी दी गई उसके आय प्रमाणपत्र में उसके परिवार की आय 352000 सालाना दर्शाई गई है जो कि करूणामूलक आधार पर नौकरी की अनिवार्य आय की शर्त के कहीं अधिक है।
५. .अपनों को रेवडिय़ा बांटने की हद देखो कि इस नियुक्ति को बाद में केबिनेट से भी मंजूरी दिलबा दी गईऔर जब नियुक्ति दी गई तो विधानसभा चुनाव के चलते प्रदेश में आचार संहिता लागू थी। सरकार ने इस नियुक्ति के लिए चुनाव आयोग से भी पत्राचार कर मंजूरी हासिल कर ली।
६. नियुक्ति के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय की तेजी भी हैरान करने वाली है। करूणामूलक आधार पर नौकरी के लिए आवेदक ने पहला आवेदन 5 मार्च 2007 को तथा दूसरा आवेदन 13.08. 2007 को सीधे मुख्यमंत्री के नाम तो भेजे लेकिन संबंधित विभाग को कोई आवेदन नहीं किया गया।
७. मुख्यमंत्री कार्यालय ने 13. 08. 2007 को गृह सचिव को टाईम बांड पत्र में इस मामले को 25 .08.2007 से पहले मुख्यमंत्री के पास पुट अप करने को कहा। 27 व 31 अगस्त 2007 को गृह सचिव को ऐसे ही पत्र मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से भेजे गए।
८. इसी तरह के एक अन्य मामले में एक जिला न्यायवादी की मृत्यु होने पर उसकी पुत्री रोहनी शर्मा ने करूणाूमल आधार पर सहायक जिला न्यायवादी के पद पर नियुक्ति के लिए आवेदन किया तो अभियोजन विभाग आवेदन को यह कहते हुए ठुकरा दिया कि करूणामलक आधार पर तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के पद ही नियुक्ति मिल सकती है।

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